तस्वीर के बाई ओर श्रीमती इंदिरा गाँधी जी का स्वागत करते हुए श्री वासुदेव गुप्त
आगरा के ख्याति प्राप्त स्वतंत्रतासेनानी
स्व.श्री वासुदेव गुप्त
जीवन परिचय - आपका जन्म सन् 1914 में श्री मुरलीधर के यहाँ जगनेर, तहसील खेरागर, आगरा में हुआ। अपने हाईस्कूल तक शिक्षा प्राप्त की। आपका देहावसान 1989 में हुआ।
स्वतंत्रता संग्राम में योगदान - आपने सन 1928 में साइमन कमीशन का विरोध किया व सन 1931 में नमक सत्याग्रह शाहदरा व किरावली में भाग लिया। २३ मार्च , १९३१ में राजगुरु, सरदार भगत सिंह , सुख देव , गणेश शंकर के बलिदान दिवस का विरोध करने में सक्रिय योगदान किया। सन १९३६ में आपने पथवारी क्षेत्र में ऐसा संगठन तैयार किया जिसमे स्व: श्री रोशन लाल गुप्त "करुणेश", पं: नत्थी लाल शर्मा, भवानी शंकर मिश्रा जी, हरीश चंद्र अग्रवाल आदि थे। इस संगदन के समय नौकर शाही के नाक में दम कर दिया जिसके फलस्वरूप पुलिस से बार बार संघर्ष हुआ। इसके साथ साथ आपने अपनी कविताओ व् लेखो के माध्यम से भी राष्ट्रीय चेतना जगाने का प्रयत्न किया। ये लेख " प्रति भाषा " में प्रकाशित होते जिसके आप प्रकाशक भी होते।
सन 1940 में आपने बेलनगंज इलाके में अंग्रेज कलेक्टर हार्डी पर बम फेका जहाँ राम बारात निकल रही थी। इस बम विस्फोट में हार्डी घायल हो गया तथा रायबहादुर व् खान बहादुर को भी काफी चोटें आयी।
हार्डी बम कांड पर वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
1942 में आपको आगरा सेंट्रल जेल में माता प्रसाद अग्रवाल, बच्चा बाबु तथा अन्य साथियों के साथ नजर बंद कर दिया गया। जेल में आपको कठोर यातनाए दी गई किंतु आपने बम कांड के अन्य साथियों के नाम फिर भी नही बताये। इस बंदी ग्रह में श्री जैन, महावीर स्वामी आदि भी इनके साथ थे। इसके तीन वर्ष पश्चात् सन 1945 में आप रिहा किए गए। सन 1947 में भारत विभाजन के पश्चात् संपूर्ण भारत में साम्प्रदायिकता की जो ज्वाला फूटी उसके फलस्वरूप गुडगाँव में मेवात में मेवों में लोगो के प्रभावस्वरूप जातो ने हमले शुरू कर दिए, तब आपसे लोगों ने विनय की वहाँ मेरु हिन्दुओं पर अत्याचार कर रहे है तो आप भोगीलाल मिश्रा व प्रेमवती मिश्रा, पं: गंजा धर मिश्रा के साथ ऊबड़ -खाबड़ जंगलों से गाडियों पैर तिरंगा लगाकर वहा पहुंचे व जातों को उत्साहित किया। जिन महिलाओं को आतंकियों ने वेश्यालयों पर पहुँचा दिया था, श्री गुप्त साथियों सहित छुरे व चाकुओं के हमलों से बचते हुए उन स्थानों पर पहुंचे व उन महिलाओं को नर्क से मुक्ति दिलाई। आप अग्रिम पंक्ति के स्वतंत्रा संग्राम सेनानी थे। कांग्रेस के प्रत्येक आन्दोलन में सक्रिय भाग लिया।
उपलब्धियां :- स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात ताजगंज के श्मशान के निर्माण में उल्लेखनीय श्रमदान किया। देशहित के लिए भी कुछ कर गुजरने की तत्परता आपकी विशेष उपलब्धि थी। श्री गुप्त नागरिक समिति के संग्रक्च्क थे। आपने देशहित के कार्य करने की शपथ ले रखी थी जो आपने जीवन प्रयत्न निभाई।
आपके पाँच सुपुत्र व दस सुपौत्र है, आज सभी आपके पदचिन्हों पर चल खूब ख्याति प्राप्त कर रहे है
पुत्र
श्री सुभाष गुप्ता
श्री अशोक अग्रवाल
श्री प्रमोद अग्रवाल
श्री वीरेंद्र अग्रवाल
श्री विष्णु अग्रवाल
सुपौत्र
श्री अनिल गुप्ता (पोलैंड में कार्यरत) पुत्र: श्री सुभाष गुप्ता
श्री राजेश गुप्ता(सफल व्यवसायी) पुत्र: श्री सुभाष गुप्ता
श्री सुनील अग्रवाल (सॉफ्टवेर इंजिनियर) पुत्र: श्री अशोक अग्रवाल
श्री राजीव अग्रवाल (सफल व्यवसायी) पुत्र: श्री प्रमोद अग्रवाल
श्री कमल अग्रवाल(बैंक में कार्यरत) पुत्र: श्री प्रमोद अग्रवाल
श्री नवीन अग्रवाल (सफल व्यवसायी) पुत्र: श्री वीरेन्द्र अग्रवाल
श्री सचिन अग्रवाल (सफल व्यवसायी) पुत्र: श्री वीरेन्द्र अग्रवाल
श्री प्रवीण अग्रवाल (सफल व्यवसायी) पुत्र: श्री वीरेंद्र अग्रवाल
श्री राहुल सिंघल (सॉफ्टवेर इंजिनियर)पुत्र: श्री विष्णु सिंघल
श्री चिराग सिंघल(सफल व्यवसायी) पुत्र: श्री विष्णु सिंघल